श्री काली मां की आरती मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट धरे। सुन जगदम्बे कर न विलम्बे, सन्तन के भण्डार भरे। संतन प्रतिपाली सदाखुशहाली, जै काली कल्याण करे॥ बुद्धि विधाता तू जगमाता, मेरा कारज सिद्ध करे। चरण कमल का लिया आसरा, […]
Daily Archives: October 27, 2023
शिव जी की आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन […]
श्री कृष्ण की आरती ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे || ॐ जय || परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी || ॐ जय || कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला || ॐ […]
काली माता आरती जय काली माता, मा जय महा काली माँ | रतबीजा वध कारिणी माता | सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ || दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि | मधु और कैितभा नासिनी माता | महेशासुर मारदिनी…ओ माता जय महा काली माँ || हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा […]
श्री सत्यनारायण जी आरती जय लक्ष्मी रमना जय जय श्री लक्ष्मी रमना सत्यानारयाना स्वामी जन पटक हरना रत्ना जडित सिंघासन अद्भुत छबि राजे नारद करत निरंजन घंटा ध्वनि बाजे प्रकट भये कलि कारन द्विज को दरस दियो बुधो ब्रह्मिन बनकर कंचन महल कियो दुर्बल भील कराल जिनपर किरपा करी चंद्रचूड एक राजा तिनकी विपति हरी […]
श्री विष्णु आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे | भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे | ॐ जय जगदीश हरे || जो ध्यावे फल पावे, दुःखबिन से मन का, स्वामी दुःखबिन से मन का | सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन […]
श्री विठोबाची आरती युगें अठ्ठावीस विटेवरी उभा। वामांगी रखुमाई दिसे दिव्य शोभा। पुण्डलिकाचे भेटी परब्रह्म आलें गा। चरणी वाहे भीमा उद्धरी जगा॥ जय देव जय देव जय पाण्डुरंगा। रखुमाईवल्लभा राईच्या वल्लभा पावें जिवलगा॥ तुळसीमाळा गळां कर ठेवुनि कटीं। कांसे पीताम्बर कस्तुरि लल्लाटी। देव सुरवर नित्य येती भेटी। गरुड हनुमन्त पुढे उभे राहती॥ जय देव जय […]
श्री व्यंकटेश आरती शेषाचल अवतार तारक तूं देवा l सुरवर मुनिवर भावें करिती जन सेवा ll कमलारमणा अससी अगणित गुण ठेवा l कमलाक्षा मज रक्षुनि सत्वर वर द्यावा ll १ ll जय देव जय देव जय व्यंकटेशा l केवळ करूणासिंधु पुरविसी आशा ll धृ. ll हे निजवैकुंठ म्हणुनी ध्यातों मी तू तें l दाखविसी गुण […]
श्री कुंजबिहारी जी की आरती आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की। गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली। रतन में ठाढ़े बनमाली; भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक; ललित छवि श्यामा प्यारी की॥ […]