.

Remedywala

श्री विश्वकर्मा जी की आरती जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा | सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा || आदि सृष्टि मे विधि को श्रुति उपदेश दिया | जीव मात्रा का जाग मे, ज्ञान विकास किया || ऋषि अंगीरा ताप से, शांति नहीं पाई | रोग ग्रस्त राजा ने जब आश्रया लीना | […]

CONTINUE READING ➞

माता पार्वती जी की आरती जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रम्हा सनातन देवी शुभ फल कदा दाता || जय पार्वती || अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता || जय पार्वती || सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था || जय पार्वती […]

CONTINUE READING ➞

आरती श्री गंगा जी की ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फ़ल पाता. ॐ जय गंगा माता चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता. ॐ जय गंगा माता पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन […]

CONTINUE READING ➞

बृहस्पति देव की आरती ॐ जय वृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा छिन छिन भोग लगाऊ फल मेवा तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी जगत्पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता तन मन धन अर्पणकर जो जन शरण पड़े प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े दीं […]

CONTINUE READING ➞

सूर्य देव की आरती ॐ जय सूर्य भगवान l जय हो तिनकर भगवान l जगत के नेत्र स्वरूपा l तुम हो त्रिगुणा स्वरूपा l धरता सबही सब ध्यान ll ॐ जय सूर्य भगवान. सारथी अरुण है प्रभु तुम l श्वेता कमालाधारी l तुम चार भुजा धारी l अश्वा है साथ तुम्हारे l कोटि किराना पसारे […]

CONTINUE READING ➞

यमुनाजी की आरती ॐ जय यमुना माता, हरि जय यमुना माता जो नहावे फल पावे सुख दुःख की दाता ॐ जय यमुना माता पावन श्रीयमुना जल अगम बहै धारा, जो जन शरण में आया कर दिया निस्तारा ॐ जय यमुना माता जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे, यम के त्रास न पावे जो […]

CONTINUE READING ➞

भैरव जी की आरती जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा || जय भैरव || तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक || जय भैरव || वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी || जय भैरव || […]

CONTINUE READING ➞

वैष्णो देवी आरती जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता || जय वैष्णवी || शीश पर छत्र बिराजे, मुर्तिया प्यारी गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी || जय वैष्णवी || ब्रम्हावेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे सेवत चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे || जय वैष्णवी || सुन्दर […]

CONTINUE READING ➞

श्री शनि देव जी आरती !! जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी, सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी, जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी !! !! श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी, नालाम्बर धार नाथ गज की अवसारी, जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी !! !! क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी, मुक्तन की […]

CONTINUE READING ➞

चन्द्र देव की आरती ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे । सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि । योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें । […]

CONTINUE READING ➞
My Cart
Wishlist
Recently Viewed
Categories
×